क्या यौन शिक्षा एक नैतिक शिक्षा नहीं?
'विश्व गुरु भारत', हमारे देश भारत को यह संबोधन आपने बचपन से सुना होगा। प्रायः यह संबोधन तीन शब्दों से मिलकर बना है, 'विश्व' यानी पूरा संसार, 'गुरु' यानी शिक्षा देने वाला व तीसरा शब्द हमारे देश का नाम। इस प्रकार से यह दर्शाता है कि भारत, वह देश जो पूरी दुनिया को ज्ञान दे। यह ज्ञान न केवल किताबी हो, साथ ही साथ में व्यवहारिक व सैद्धांतिक भी हो।
आपके मन में प्रश्न आया होगा कि यह सैद्धांतिक ज्ञान क्या होता है? बड़ो का आदर करना, प्रकृति की देखभाल करना, जानवरों की रक्षा करना आदि ही सैद्धांतिक ज्ञान है, जिसको नैतिक शिक्षा भी कहा जाता है। नैतिक शिक्षा इसलिए दी जाती है ताकि समाज में अच्छे व सकारात्मक कर्मों को प्रोत्साहित किया जा सके, किंतु भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान मैं बढ़ते रेप के मामले, तो कुछ और ही बयां कर रहे हैं। 2020 में हुई एक रिपोर्ट बताती है कि राजस्थान इस सूची में पहले पायदान पर आ गया है। सवाल यह है कि इस सब के लिए किस को सजा दी जाए, दोषियों को या फिर उन्हें जो ऐसे कुकर्म करने के लिए प्रोत्साहन देते है?
नैतिक शिक्षा हमें सिखाती है कि समाज में कैसे एक अच्छा व्यक्ति बनना है, लेकिन यही नैतिक शिक्षा तब कहां चली जाती है जब महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है व उन्हें दुष्कर्म का शिकार बनाया जाता है? क्या बचपन से मिली सीख इसके पीछे का कारण नहीं?
मुख्यतः आम परिवारों में यौन शिक्षा पर बात नहीं की जाती। बच्चे को कभी बताया ही नहीं जाता कि वंश कैसे चलता है। सुनने में हास्यास्पद जरूर लगता है लेकिन यह सब चीजें उस बच्चे पर बहुत प्रभावी होती है। जब कोई बच्चा अपने मां बाप से पूछता है कि उसका जन्म कैसे हुआ तो यह कह कर उसे बहला दिया जाता है कि एक परी आई थी और उसे यहां छोड़ कर चली गई। हो सकता है आपमें से भी बहुत से लोगों ने अपने बचपन में यही चीज सुनी होगी। उस समय तो यह चीजें बहुत मजाकिया सी लगती है लेकिन बाद में चलकर यह समस्या बन सकती है, क्योंकि हम नहीं जानते कि वह बच्चा आगे चलकर किस तरह की सोच वाले व्यक्ति से यौन शिक्षा लेगा और क्या बेहूदा चीजें वह सीखेगा!
मां बाप का उस समय ठीक तरह से ना बताना उस बच्चे व समाज पर प्रभाव ज़रूर डालता है। अगर बढ़ती उम्र के साथ-साथ मां बाप उस बच्चे को अपने दोस्त की तरह उन सभी बातों का ज्ञान दें तो उस इंसान को प्रदूषित बातों से बचाया जा सकता है और घर से मिली शिक्षा कभी दूषित नहीं होती। खराब संगत का असर व प्रभाव किशोरावस्था में सबसे ज्यादा होता है, यदि ऐसे वक्त में मां-बाप साथ रहकर वही चीज़े सिखाए तो उस बच्चे को समाज में बोझ बनने से रोका जा सकता है।
यौन शिक्षा एक नैतिक शिक्षा कैसे हैं? जिस तरह नाखून काटना, शरीर की सफाई रखना, तरीके से खाना खाना आदि यह सब शारीरिक क्रियाएं हैं जो नैतिक शिक्षा में आती है, ठीक उसी प्रकार वंश-परंपरा भी एक शारीरिक क्रिया ही है। फर्क बस इतना है कि लोग इस पर बात करने से शर्माते हैं।
किताबी ज्ञान के साथ साथ सदाचार की बाते भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। यूरोपीय देशों से आई अंग्रेज़ी भाषा आज भारत में सबसे ज्यादा बोली जाती है, किंतु हम उनके विचार अपनाने में आज भी कहीं न कहीं असक्षम दिखते हैं, क्योंकि यूरोप के देशों में रेप के मामले सबसे कम है और यौन शिक्षा का प्रचलन सबसे ज्यादा है। भारत, दूसरी ओर, तरक्की तो करता नज़र आ रहा है मगर आज भी पिछड़ापन और नैतिक मूल्यों का सत्तर काफ़ी नीचे है जिसे ऊपर लाने की जरूरत है।
बढ़ते रेप के मामले, छोटी बच्चियों से जबरदस्ती, घरेलू हिंसा, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले, कम उम्र में गर्भ धारण, अश्लीलता फैलाना, कम उम्र में दूसरों के साथ अनैतिक शारीरिक संबंध, लड़कियों के चेहरे पर तेजाब फेंकना, उनके अश्लील चित्र निकाल कर उन्हें भयादोहन करना और भी बहुत से असामाजिक काम है जो यौन शिक्षा न होने से होते हैं। पर बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे समाज में अभी भी यौन शिक्षा का उतना प्रचार नहीं है, अभी भी जनता के एक बड़े हिस्से में इसको लेकर मन में शंका व शर्म है। हमें यह सोच बदलनी होगी क्योंकि हम से ही हमारा समाज बना है, और एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब यौन शिक्षा दूसरे नैतिक विचारों की तरह एक स्वतंत्र ज्ञान होगा। यह एक दिन में संभव नहीं लेकिन एक दिन संभव ज़रूर होगा और उसकी शुरूआत हमें खुद से करनी होगी।
You have highlighted a very important issue and your points are also crystal clear...I also support that there is a need of proper sex education.
ReplyDeleteYou have presented it well.
This is a really big issue in our country. India is really conservative and all these developments and all are not really doing anything. People are still narrow minded and think that sex education and all is taboo. We really need to make people aware about this issue so that children grow up to be responsible.
ReplyDeleteThanks for your views. The biggest thing is that people are shy about talking on it. Things gonna change, but first, we have to start the chain...
DeleteAn important issue to write a blog about. Serious need for people to be aware of sex education. You have expressed your points well!
ReplyDeleteThe absolute simplicity with which you have penned this piece is what blows minds. Was a pleasure to read this. It was hard hitting yet so soothing. <3
ReplyDelete